वर्षो तक वन में घूम घूम , बाधा विघ्नों को चूम चूम , श्री कृष्ण हस्तिनापुर आये,पांडवों का संदेसा लाये ,दो न्याय अगर तो आधा दो, और, उसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल पाँच ग्राम, रक्खो अपनी धरती तमाम।हम वहीं खुशी से खायेंगे,परिजन पर असि न उठायेंगे!लेकिन दुर्योधनदुर्योधन वह भी दे ना सका, आशीष समाज की ले न सका,उलटे, हरि को बाँधने चला, जो था असाध्य, साधने चला।हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना स्वरूप-विस्तार किया,डगमग-डगमग दिग्गज डोले,...